भाग्योदय के लिए सूर्योपासना से आसान एवं सरल उपाय कुछ भी नहीं है. सूर्योपासना के लिए रविवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है. रविवार व्रत से जातक सूर्य देव को शीघ्रता से प्रसन्न कर सकता है. रविवार व्रत समस्त कामनाओं की सिद्धि एवं आयु व सौभाग्य वृ्द्धि के लिये किया जाता है. आइये जानते हैं क्या है रविवार व्रत का माहात्म्य, पूजा विधि और इससे जुड़े उपाय.
क्या है रविवार व्रत का माहात्म्य
सूर्योपासना से निरोगी जीवन के साथ-साथ यश, मान व प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है, जिससे भाग्योदय होता है. सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं पर विजय के लिए रविवार व्रत सर्वश्रेष्ठ है. यह व्रत सप्ताह के पहले दिन अर्थात रविवार को किया जाता है. रविवार व्रत व इसकी कथा का श्रवण करने से जातक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने वाले जातक को समाज में मान-सम्मान, धन-दौलत और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है. यह व्रत आत्मविश्वास बढ़ाता है और कुष्ठादि चर्म रोगों से मुक्त करता है.
क्या है रविवार व्रत की पूजा विधि
रविवार व्रत करने वाले जातक को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य के जल में थोड़ा सा गुड़ मिला हो और उसमे लाल पुष्प डले हों तो और उत्तम होगा. इसके बाद विधि विधान से भगवान भास्कर की पूजा अर्चना कर रविवार व्रत की कथा सुनें. तदुपरांत बिना नमक और तेल वाला भोजन सूर्यास्त से पहले करें.
रविवार के कुछ विशेष उपाय
1. आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें, इससे हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी
2. “ॐ ह्रां ह्रीं हं सः सूर्याय नमः” मन्त्र का 108 बार जाप करें, इससे सूर्य दोष मिटेगा
3. इस दिन दूध ऐसे उबालें कि उफनकर आग में गिरे, इससे सूर्य ग्रह शांत होंगे