Somvati Amavasya 2021: सोमवार 12 अप्रैल को है सोमवती अमावस्या, जानें इसका महत्व, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय

सोमवार, 12 अप्रैल 2021 को सोमवती अमावस्या है (Somvati Amavasya 2021) जो इस वर्ष की एकमात्र सोमवती अमावस्या होगी। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान, दान और पूजा पाठ का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और दानादि कर्म करते हैं। आइये जानते हैं क्या है सोमवती अमावस्या का महत्व, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय।

सोमवती अमावस्या का क्या है महत्व
महाभारत में सोमवती अमावस्या के महत्व के बारे में बताते हुए पितामह भीष्म ने युधिष्ठिर से कहा था कि जो कोई भी व्यक्ति इस दिन पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करेगा उसे हर तरह के सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी तथा सभी रोगों और दुखों से मुक्ति मिलेगी। पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन का विशेष महत्व है। मान्यता है की पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात दान और पुण्य करने से दोगुना फल मिलता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। सुख, सौभाग्य और पति की लम्बी आयु के लिए महिलाएं इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करती हैं।

सोमवती अमावस्या की पूजन विधि
सोमवती अमावस्या के दिन विवाहित स्त्रियों को प्रातः स्नानादि नित्यकर्म के बाद नए वस्त्र पहन और श्रृंगार करके पीपल के पेड़ का पंचोपचार विधि (धूप, दीप, गंध, पुष्प और नैवेद्य) से पूजन करना चाहिए तत्पश्चात अपने हाँथ में अक्षत-पुष्प और अपनी इच्छानुसार 108 की संख्या में कोई फल, मेवा या अन्य वस्तु लेकर पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करते हुए पति की दीर्घायु के लिए भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त
सोमवार, 12 अप्रैल 2021 को अमावस्या सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक ही रहेगी और तब तक अमृत योग भी रहेगा अतः सूर्योदय से सुबह 08:01 तक का समय पूजा के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा।

सोमवती अमावस्या का उपाय
सोमवती अमावस्या के दिन किसी जरुरतमंद को खाना खिलाएं या खाने की सामग्री और वस्त्र का दान करें।

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