Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या पर बन रहा महोदय नाम का विशेष योग, जानें इसका माहात्म्य, पूजा विधि और नियम

Published by Ved Shri Published: February 8, 2021

शास्त्रों में अमावस्या और पूर्णिमा पर्व तिथियाँ मानी गई हैं। मौनी अमावस्या का तो विशेष महत्व बताया गया है। माघ मास की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन स्नान और दानादि कर्म का बहुत ही पुण्य फल प्राप्त होता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2021) गुरुवार 11 फरवरी 2021 को है। आइये जानते हैं इसका माहात्म्य, पूजा विधि और नियम तथा इस दिन बन रहे विशेष संयोग के बारे में।

मौनी अमावस्या का माहात्म्य
मान्यता है की मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, जलाशयों या सरोवरों में स्नान से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और इस दिन किये गए व्रत और दान से हमारे पितर प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन किये गए दान पुण्य और भोजनादि के वाष्प सम्भूत अंश सूर्य की किरणों से आकर्षित होकर चन्द्रमण्डल में चले जाते हैं, जहाँ हमारे पितृगण रहते हैं और वे उससे तृप्त होते हैं। इसीलिए अमावस्या को पितृ श्राद्ध करने का विधान किया गया है। जो जातक पितृ दोष की समस्या से पीड़ित हों उनके लिए तो यह विशेष फलदायी माना गया है।

मौनी अमावस्या पूजा विधि और नियम
भविष्योत्तर पुराण के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी, जलाशय या सरोवर में स्नान के बाद भगवान का विधिपूर्वक पूजन करें और गौ, स्वर्ण, छत्र, वस्त्र, शय्या, अंजन, दर्पण आदि का यथाशक्ति दान करें और “यत्किंचिद वाचिकं पापं मानसं कायिकं तथा। तत सर्वं नाशमायाति युगादितिथिपूजनात।।” को स्मरण कर शुद्ध भाव से गरीबों को भोजन कराएं तथा गौशाला में गाय के भोजन आदि के लिए दान करें।

मौनी अमावस्या के दिन महोदय योग
इस बार मौनी अमावस्या के दिन महोदय नाम का विशेष योग बन रहा है। इस दिन मकर राशि में चंद्रमा और छह ग्रह होने से यह महासंयोग बन रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस योग में त्रिवेणी में डुबकी लगाने और पितरों की पूजा करने से बहुत ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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