धन, विद्या, विवाह और पुत्र के इच्छुक जातक करें गुरुवार व्रत

Published by Ved Shri Last Updated: November 15, 2020

गुरुवार का दिन देवगुरु वृहस्पति का दिन माना जाता है. इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा का विधान है. गुरुवार व्रत से सुख, संपत्ति, और विद्या आती है. विवाह के इच्छुक कन्याओं को भी गुरुवार व्रत से विशेष लाभ मिलता है तथा शीघ्र विवाह के योग बनते हैं. इस व्रत से जातक का गुरु दोष भी खत्म होता है और गुरुकृपा प्राप्त होती है. आइये जानते हैं क्या है गुरुवार व्रत का माहात्म्य और पूजा विधि.

क्या है गुरुवार व्रत का माहात्म्य
धर्म शास्त्रों के अनुसार गुरुवार को श्री विष्णु की उपासना से धन, धान्य, विद्या और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. गुरुवार व्रत से जातक सुख, शांति, सफलता, मान-सम्मान और दाम्पत्य सुख प्राप्त करता है. इस व्रत से सब प्रकार के कष्टों व दारिद्र्य का हरण होता है और गुरु दोष ख़त्म होता है. विवाह और पुत्र प्राप्ति की कामना पूर्ति के लिए गुरुवार व्रत बहुत ही लाभकारी है.

कब और कैसे करें गुरुवार व्रत
अग्नि पुराण के अनुसार गुरुवार व्रत का आरम्भ शुक्ल पक्ष के अनुराधा नक्षत्र युक्त गुरुवार से करने को सबसे उत्तम माना गया है. गुरुवार व्रत के दिन जातक को सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान के उपरांत पीले रंग के साफ और स्वच्छ कपडे पहनकर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. इस दिन केसर या हल्दी का चन्दन लगाएं तथा पीले फूल, पीली मिठाई, पीले चावल का उपयोग करें और चने की दाल व मुनक्का का भोग लगायें. गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है. हल्दी युक्त जल को केले के पेड़ की जड़ में डालें और चने की दाल का भोग लगाएं तथा घी के दीपक से पेड़ की आरती करें. व्रत में एक ही समय बिना नमक का भोजन करें. खाने में पीली वस्तुओं और फलों का इस्तेमाल करें.

गुरुवार को भूल कर भी ना करें ये काम
व्रत करने वाले तथा अन्य सभी जातकों को गुरुवार को भूलकर भी नीचे दिए गए काम नहीं करने चाहिए. इन कृत्यों से दरिद्रता आती है और सारा धन-वैभव समाप्त हो जाता है.
– दाढ़ी और बाल बनवाना
– घर को गोबर से लीपना
– बालों में तेल लगाना
– धोबी को धुलने के लिए कपड़े देना
– मांस और मदिरा का सेवन करना

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