सत्य सनातन हिन्दू धर्म सृष्टि के आदि काल से व्याप्त होने के साथ सम्पूर्ण विश्व में फैला हुआ था. इसके प्रमाण यूक्रेन से लेकर दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया तक मिलते हैं. यहाँ तक की विश्व का सबसे बड़ा मंदिर भारत की बजाय कंबोडिया में स्थित अंकोरवाट मंदिर है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज यह मंदिर विष्णु भगवान को समर्पित है. यह मंदिर कम्बोडिया के राष्ट्रीय पहचान का भी प्रतीक है और इसकी तस्वीर कम्बोडिया के राष्ट्रीय ध्वज पर भी है.
अंकोर का पुराना नाम यशोधरपुर था. अंकोरवाट मंदिर का निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1113-50 ई.) के शासनकाल में हुआ था. मेकांग नदी (स्थानीय भाषा में मेकांग का अर्थ मां गंगा से है) के किनारे बसे इस मंदिर को टाइम मैगज़ीन ने दुनिया की पांच आश्चर्यजनक चीजों में शामिल किया था. यूनेस्को ने इस मंदिर को 1992 में विश्व विरासत के रूप में शामिल किया. हर साल इस मंदिर को देखने के लिए भारत सहित विश्व के अनेक देशों के लाखों लोग पहुंचते हैं. इस मंदिर की सबसे खास बात इसके शिलाचित्र हैं जिनमें तत्कालीन सम्राट, बलि-वामन, स्वर्ग-नरक, समुद्र मंथन, देव-दानव युद्ध, हरिवंश पुराण, रामायण और महाभारत के उल्लेख हैं.
सनातन धर्म को दक्षिण-पूर्व एशिया में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से आगे जानें इस मंदिर को हिन्दुओं के पांचवें धाम के रूप में विकसित करने की कोशिशें हो रही हैं. भारत और कंबोडिया के बीच काफी पुराना सांस्कृतिक संबंध रहा है. आज भले ही कंबोडिया में ज्यादातर बौद्ध आबादी हो परन्तु एक समय वहां पर हिन्दू धर्म का बोलबाला था. यहाँ तक कि अभी भी ज्यादातर लोग हिंदू मान्यताओं का पालन करते हैं. साथ ही अंकोरवाट सहित कई जगह पर हिंदुत्व और भारतीय स्थापत्य कला की छाप भी दिखती है.