श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिङ्ग के बारे में जानें सबकुछ, कैसे पहुँचें और कहाँ रुकें

श्री सोमनाथ द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिङ्ग माना जाता है। यह मंदिर भारत के पश्चिमी तट पर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। शिवपुराण के अनुसार जब अपने ससुर दक्ष प्रजापति के श्राप से चंद्रमा को क्षय रोग हो गया और वह अपने प्रकाश की शक्ति को खो दिया तो प्रजापिता ब्रह्मा की सलाह से चंद्रमा प्रभास तीर्थ पहुंचे और भगवान शिव की पूजा की। चंद्रमा की भक्ति और तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्हें श्राप से मुक्त किया। पौराणिक मान्यता के अनुसार चंद्रमा ने एक स्वर्ण मंदिर बनाकर इस ज्योतिर्लिङ्ग की खुद स्थापना की थी। उसके बाद त्रेतायुग में रावण द्वारा एक चांदी का मंदिर बनाया गया था। द्वापर में भगवान श्री कृष्ण ने चंदन के मंदिर का निर्माण कराया था।

प्राचीन भारतीय ग्रंथों पर आधारित शोध से पता चलता है कि पहले सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की प्राण-प्रतिष्ठा वैवस्वत मन्वन्तर के दसवें त्रेता युग के दौरान श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया गया था। जगद्गुरु शंकराचार्य वैदिक शोध संस्थान, वाराणसी के अध्यक्ष स्वामी श्री गजानानंद सरस्वती जी के अनुसार उक्त पहला मंदिर 7,99,25,105 साल पहले स्कंद पुराण के प्रभास खंड से उल्लेखित है। इस प्रकार, यह मंदिर अनादि काल से लाखों हिंदुओं के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है।

इतिहास के बाद के स्रोतों में ग्यारहवीं से अठारहवीं शताब्दी ईस्वी के दौरान मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा इस मंदिर को कई बार अपवित्र और ध्वस्त किया गया। हर बार लोगों की आस्था से इसका पुनर्निर्माण होता रहा। आधुनिक मंदिर का पुनर्निर्माण आजादी के बाद किया गया। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 11 मई 1951 को मौजूदा मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की थी।

मंदिर के अन्य स्थान वल्लभघाट के अलावा श्री कपार्डी विनायक और श्री हनुमान मंदिर हैं। वल्लभघाट एक खूबसूरत सूर्यास्त स्थल है। हर शाम मंदिर में रोशनी की जाती है। मंदिर में साउंड एंड लाइट शो “जय सोमनाथ” भी हर रात 8.00 से 9.00 के दौरान प्रदर्शित किया जाता है जो तीर्थयात्रियों को भव्य सोमनाथ मंदिर की पृष्ठभूमि और समुद्र की पवित्र लहर की आवाज़ में एक अलौकिक अनुभव की अनुभूति देता है।

कैसे पहुंचे सोमनाथ
अहमदाबाद सभी प्रमुख गंतव्यों के साथ रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। सोमनाथ अहमदाबाद से 465 किमी की दूरी पर है। वेरावल सोमनाथ अमदावद से रेल और सड़क सुविधाओं से जुड़ा हुआ है। हवाई मार्ग से दीव पहुंचकर भी सोमनाथ जा सकते हैं। सोमनाथ दीव से सड़क मार्ग (95 किमी) से जुड़ा हुआ है।

सोमनाथ में कहाँ रुकें
रुकने के लिए तीर्थयात्री श्री सोमनाथ ट्रस्ट के गेस्ट हाउसेस की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। ट्रस्ट एक वीआईपी गेस्टहाउस, अठारह अन्य गेस्ट हाउस और एक किफायती हॉस्टल की सुविधा देता है। ट्रस्ट के गेस्ट हाउसेस में कुल कमरों की संख्या दो सौ से ज्यादा है।

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