शक्तिरूपिणी माँ दुर्गा को प्रसन्न करने और उनकी ममतामयी कृपा पाने के लिए शतचंडी यज्ञ एक अमोघ अनुष्ठान है। शतचंडी दो शब्दों के युग्म से बना है। शत अर्थात सौ और चंडी अर्थात चंडी पाठ (दुर्गा सप्तशती पाठ) मतलब सौ चंडी पाठ का एक महान यज्ञ शतचंडी यज्ञ कहलाता है। शतचंडी यज्ञ एक बहुत ही शक्तिशाली अनुष्ठान है जिसे सामान्यतः रोग से मुक्ति, शत्रुओं पर विजय, बिगड़ी ग्रह स्थिति सुधारने और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
शतचंडी यज्ञ कब और कैसे
श्रद्धालु जब चाहें तब शतचंडी यज्ञ करा सकते हैं पर मुख्यतः इसे किसी बड़े प्रयोजन के साथ किया जाता है। यह यज्ञ कुल चार दिनों का होगा जिसमें कलश, गौरी, गणेश, षोडश मातृका, सप्तघृत मातृका, सर्वतोभद्र मण्डल, नवग्रह, क्षेत्रपाल आदि की स्थापना और पूजा के उपरांत दुर्गा सप्तशती के 100 पाठ किये जाते हैं और अंत में हवन एवं भंडारा किया जाता है।
शतचंडी यज्ञ के लाभ
शतचंडी यज्ञ की अपार महिमा मानी गई है। इस यज्ञ से व्यक्ति के जीवन में आ रही समस्त बाधाओं का नाश होता है। माना जाता है की इस यज्ञ से दुश्मन पर विजय प्राप्त होती है, रोग से रक्षा होती है, नौकरी और व्यवसाय में प्रगति होती है, गृह क्लेश और अन्य परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
शतचंडी यज्ञ की लिंक
हम आपके लिए शतचंडी यज्ञ का चार दिनी अनुष्ठान बारह ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा कराएँगे जिसे आप एक ऑनलाइन लिंक के माध्यम से अपने घर या दफ्तर में बैठकर आराम से देख सकते हैं।
नोट:- पूजा सम्बन्धी किसी भी जानकारी के लिए आप इस नंबर 8287197626 पर कॉल या व्हाट्सएप्प के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
Frequently Asked Questions
- शतचंडी यज्ञ कौन और किस आयु के लोग करा सकते हैं?
कोई भी आस्थावान व्यक्ति या उसके रिश्तेदार शतचंडी यज्ञ करा सकते हैं, इस पूजा के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है।
- क्या मेरे द्वारा बुक की गई पूजा को मैं देख सकता हूँ?
बिलकुल, आप के नाम से की गई पूजा की वीडियो लिंक / रिकॉर्डिंग आपको उपलब्ध कराई जाएगी।
- क्या मैं इस पूजा को किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी बुक कर सकता हूँ?
जरूर, यह उस व्यक्ति के लिए एक अनुपम उपहार होगा। इसके लिए आपको उस व्यक्ति का नाम, पिता का नाम और गोत्र देना होगा।