नौचंडी पाठ एवं हवन माँ दुर्गा को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन में मौजूद परेशानियों, कठिनाइयों एवं विघ्न-बाधाओं को दूर करने के लिए एक बहुत ही प्रभावी पूजा है। नवरात्रि में तो इसकी विशेष महत्ता है ही परन्तु अन्य अवसरों में भी इसके अनुष्ठान का बहुत महत्व है। इसमें 9 दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ और हवन करने का विधान है।
नौचंडी पाठ कब और कैसे:
वैसे तो नौचंडी पाठ का अनुष्ठान कभी भी किया जा सकता है, लेकिन नवरात्र के दौरान इसे विशेष शुभ माना गया है। नौचंडी पाठ अनुष्ठान के दौरान बेदी, कलश पूजन के बाद माँ दुर्गा की विधि विधान से पूजा करके सप्तशती का पाठ नौ दिनों तक किया जाता है। नौ पाठ होने के उपरांत हवन किया जाता है और कन्या पूजन कर कन्या भोजन कराया जाता है।
नौचंडी पाठ के लाभ:
ऐसा माना जाता है कि दुर्गा सप्तशती पाठ के अनुष्ठान से अच्छी सेहत, सफलता और समृद्धि मिलती है। इससे सभी प्रकार की व्याधियों और परेशानियों से छुटकारा मिलता है। कुंडली के दुष्प्रभावों को दूर करने में भी इसका बहुत महत्व है। विवाह में देरी का सामना कर रहे लोगों के लिए भी यह काफी उपयोगी पाया गया है।
नौचंडी पाठ की लिंक:
हम आपके लिए नौचंडी पूजन और पाठ का अनुष्ठान अनुभवी पुरोहित द्वारा कराएँगे जिसे आप एक ऑनलाइन लिंक के माध्यम से अपने घर या दफ्तर में बैठकर आराम से देख सकते हैं।
नोट:- पूजा सम्बन्धी किसी भी जानकारी के लिए आप इस नंबर 8287197626 पर कॉल या व्हाट्सएप्प के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
Frequently Asked Questions
- नौचंडी पाठ एवं हवन कौन और किस आयु के लोग करा सकते हैं?
कोई भी आस्थावान व्यक्ति नौचंडी पाठ एवं हवन करा सकता है, इस पूजा के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है।
- क्या मेरे द्वारा बुक की गई पूजा को मैं देख सकता हूँ?
बिलकुल, आप के नाम से की गई पूजा की वीडियो लिंक आपको उपलब्ध कराई जाएगी।
- क्या मैं इस पूजा को किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी बुक कर सकता हूँ?
जरूर, यह उस व्यक्ति के लिए एक अनुपम उपहार होगा। इसके लिए आपको उस व्यक्ति का नाम, पिता का नाम और गोत्र देना होगा।