सूर्य जो नवग्रह मण्डल के राजा और ऊर्जा के कारक ग्रह हैं शनिवार 17 सितम्बर 2022 को सुबह 07 बजकर 21 मिनट पर आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, जहाँ ये 17 अक्टूबर की शाम तक गोचरस्थ रहेंगे। इस गोचर से सूर्य जहाँ मंगल की दृष्टि से निकल जायेंगे वहीं गुरु से सम्मुख दृष्ट होंगे। यह संक्रांति नन्दा संज्ञक है। एक ओर जहाँ धनी-मानी और उच्च अधिकारी वर्ग को सुख प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर हिंसा और यौन अपराधों में वृद्धि होगी। रुई, कपड़ा, नारियल, सुपारी, मेवा, मजीठ, लाल वस्तुओं, अरण्डी, तेल, तिल, सोना, चाँदी, लोहा, तांबा, पीतल में मंदी होगी। आइये जानते हैं सूर्य का कन्या राशि में गोचर (Surya Rashi Parivartan) सभी 12 राशियों पर कैसे करेगा असर।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के षष्ठ भाव में सूर्य का गोचर होगा। सूर्य के रिपु स्थान में गोचर से अभीष्ट कार्य में सफलता, धनलाभ और आरोग्य की प्राप्ति होती है। मान-सम्मान में वृद्धि तथा प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलती है। अदालती मामलों में शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
वृष राशि
वृष राशि के जातकों के पंचम भाव में सूर्य का गोचर होगा। पाँचवें स्थान में सूर्य के गोचर से मानसिक व्यथा, प्रेम में उदासीनता, आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव जैसे फल प्राप्त होते हैं। रोग एवं शत्रु का भय रहेगा। आपको मित्रों के साथ मतभेद से बचना होगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर होगा। सुख स्थान में सूर्य के गोचर से मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा, सुख की हानि, यात्रा कष्ट, व्यापार एवं व्यवसाय में बाधाएं तथा आपसी कलह जैसे फल मिलते हैं। आपको पारिवारिक झगड़ों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के तृतीय भाव में सूर्य का गोचर होगा। सूर्य के पराक्रम स्थान में गोचर से सुख, आनंद, आरोग्य और अभीष्ट की प्राप्ति होती है। शत्रुओं पर विजय तथा यश और मान में वृद्धि होती है। भाई से मनमुटाव और अहंकार से बचकर रहें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के द्वितीय भाव में सूर्य का गोचर होगा। धन स्थान में सूर्य के गोचर से अधिक खर्च और आँखों में कष्ट मिलता है। इस दौरान आप कोई महँगी वस्तु या उपकरण खरीद सकते हैं। मनमानी और क्रोध से बचें अन्यथा घरेलु कलह की स्थिति निर्मित हो सकती है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के प्रथम भाव में सूर्य का गोचर होगा। राशि स्थान में सूर्य के गोचर से पेट से सम्बंधित कष्ट और शारीरिक पीड़ा होती है। चिड़चिड़ाहट, कमजोरी और अकारण यात्रा के योग बनेंगे। आपको आपसी मतभेद और झगड़ों से बचने की सलाह दी जाती है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के द्वादश भाव में सूर्य का गोचर होगा। व्यय स्थान में सूर्य के गोचर से खर्च में वृद्धि होने से आर्थिक कठिनाई रहेगी। घर से दूर की यात्रा करनी पड़ सकती है। किसी को उधार देने से बचें अन्यथा धन की हानि हो सकती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के एकादश भाव में सूर्य का गोचर होगा। लाभ स्थान में सूर्य के गोचर से अच्छे परिणाम मिलते हैं। यश-मान, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि तथा इच्छित कार्य में सफलता प्राप्त होती है। पारिवारिक उत्सव के आयोजन से प्रसन्नता मिलेगी।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के दशम भाव में सूर्य का गोचर होगा। कर्म स्थान में सूर्य के गोचर से कार्य में सफलता और अभीष्ट की प्राप्ति होती है। धन, आरोग्य और नौकरी के लिए उपयुक्त समय होगा तथा मानसिक संतुष्टि और प्रसन्नता रहेगी।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के नवम भाव में सूर्य का गोचर होगा। भाग्य स्थान में सूर्य के गोचर से सुख एवं आय में कमी और परिजनों से बिछोह मिलता है। इस दौरान काफी प्रयास के बाद ही सफलता मिल पाएगी अतः लगातार प्रयासरत रहें और अपने आत्मविश्वास को कायम रखें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के अष्टम भाव में सूर्य का गोचर होगा। अष्टम स्थान में सूर्य के गोचर से जीवनसाथी के साथ अनबन तथा शत्रु से कष्ट मिलता है। अपने स्वास्थ्य और वाहन को लेकर आपको सचेत रहना होगा। अदालती मामलों में भी बहुत संभलकर रहना होगा।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के सप्तम भाव में सूर्य का गोचर होगा। कलत्र स्थान में सूर्य के गोचर से दांपत्य सुख में कमी होती है अतः अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम एवं सौहार्द बनाये रखें। खान-पान के प्रति सचेत रहें अन्यथा पेट से संबंधित कोई परेशानी खड़ी हो सकती है।