Shani Sadesati 2021 : जानें नए साल में किन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या तथा क्या होगा उसका असर

Published by Ved Shri Published: January 8, 2021

शनि को कर्मफल दाता कहा गया है, क्योंकि वे व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। हर व्यक्ति को शनि के न्याय चक्र से गुजरना ही पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या जिन लोगों पर रहती है उन्हें काफी सावधान रहने की जरूरत होती है। सामान्यतः शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या व्यक्ति के जीवन पर बुरा असर ही डालती है पर यदि कर्म अच्छे हैं और शनि देव कुंडली में मजबूत स्थिति में हैं तो उसको शुभ परिणाम मिलते हैं। जिस किसी भी जातक की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में नहीं होते उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आइये जानते हैं साल 2021 में कहाँ विराजमान हैं शनि (Shani Sadesati 2021) और किन पर उनकी साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव रहेगा तथा क्या होगा उसका असर।

शनि की गोचर स्थिति
पूरे वर्ष भर शनि मकर राशि में गोचरस्थ रहेंगे। इस बीच 23 मई 2021 को मकर राशि में ही वक्री होकर फिर से 11 अक्टूबर 2021 को मार्गी भी हो जायेंगे अतः पूरे साल ही शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव धनु, मकर और कुंभ राशि पर रहेगा और शनि की ढैय्या का प्रभाव मिथुन और तुला राशि वालों पर रहेगा। आगे जानते हैं क्या होगा इसका असर।

शनि की साढ़ेसाती का असर
धनु राशि पर उतरती हुई रजतपाद की साढ़ेसाती का प्रभाव पैरों पर रहेगा। इससे व्यापार में प्रगति, सुख संपत्ति में वृद्धि, मान वृद्धि और रुके कार्य पूर्ण होंगे।
मकर राशि पर मध्य की स्वर्णपाद की साढ़ेसाती का प्रभाव ह्रदय पर रहेगा। इससे अधिक परिश्रम, खर्च, शारीरिक पीड़ा, विरोध, चिंता आदि से कष्ट हो सकता है।
कुंभ राशि पर चढ़ती हुई लौहपाद की साढ़ेसाती का प्रभाव मस्तक पर रहेगा। इससे अधिक खर्च, अत्यधिक परिश्रम, यात्रायें, शारीरिक पीड़ा, रक्त विकार जैसे कष्ट मिल सकते हैं।

शनि की ढैय्या का असर
मिथुन राशि पर लौहपाद की ढैय्या का प्रभाव स्वजनों से विरोध, गृह कलह, शत्रुओं में वृद्धि, आर्थिक और व्यापारिक चिंताएं दे सकता है।
तुला राशि पर भी लौहपाद की ढैय्या का प्रभाव रहेगा। इससे शारीरिक कष्ट, रक्त विकार, व्यापार में परेशानी और आर्थिक संकट दे सकता है।

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