बल एवं पराक्रम के स्वामी और नवग्रहों के सेनापति मंगल बुधवार, 14 अप्रैल 2021 की सुबह 01:14 पर वृष राशि से निकल कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे जहाँ ये 02 जून 2021 की सुबह तक रहेंगे। मंगल के मिथुन में प्रवेश से राहु के साथ बनी युति और उसके कारण बना अंगारक योग भी समाप्त हो जायेगा। अपने इस गोचर के दौरान मंगल गुरु से दृष्ट रहेंगे और शनि पर अपनी दृष्टि रखेंगे। आइये आगे जानें मंगल के इस राशि परिवर्तन (Mangal Rashi Parivartan) का आप सभी पर कैसा पड़ेगा प्रभाव।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के तृतीय भाव में मंगल का गोचर होगा। पराक्रम स्थान में मंगल का गोचर अच्छे फल देता है। अन्न, धन, वस्त्र और आरोग्य का लाभ होगा। अपने पराक्रम से शत्रुओं को परास्त करेंगे।
वृष राशि
वृष राशि के जातकों के द्वितीय भाव में मंगल का गोचर होगा। धन स्थान में मंगल के गोचर से मन में अशांति, निर्बलता, कार्यों में असफलता, धन की हानि और एसिडिटी हो सकती है। अपनी वाणी में संयम रखने की आपको सलाह दी जाती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के राशि भाव में मंगल का गोचर होगा। राशि स्थान में मंगल के गोचर से जीवनसाथी और कुटुंबियों से मतभेद, दुष्टों से पीड़ा, ज्वर, ताप और रक्त संबंधी विकार हो सकते हैं। मतभेद से बचने की आपको सलाह दी जाती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के द्वादश भाव में मंगल का गोचर होगा। व्यय स्थान में मंगल के गोचर से खर्चों में वृद्धि, कुटुंबियों से अनबन, नेत्र रोग और धन की हानि हो सकती है। इस दौरान किसी को उधार ना देने की आपको सलाह दी जाती है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के एकादश भाव में मंगल का गोचर होगा। लाभ स्थान में मंगल के गोचर से धन, आनंद और सफलता की प्राप्ति होती है, आरोग्य लाभ होता है और शत्रुओं एवं अदालती मामलों में विजय मिलती है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के दशम भाव में मंगल का गोचर होगा। कर्म स्थान में मंगल के गोचर से आपको कार्य क्षेत्र में अधिक श्रम करना पड़ेगा। कार्यों मे विघ्न और असफलता से डरे बिना यदि आप डटे रहेंगे तो लाभ मिलेगा और धन की प्राप्ति होगी।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के नवम भाव में मंगल का गोचर होगा। भाग्य स्थान में मंगल के गोचर से स्थान में बदलाव, धन की कमी, अनादर, शारीरिक पीड़ा और निर्बलता जैसे फल प्राप्त हो सकते हैं। विदेश से संबंधित कार्यों में आपको मनचाही सफलता मिल सकती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के अष्टम भाव में मंगल का गोचर होगा। अष्टम स्थान में मंगल का गोचर रोग से परेशानी, मान की हानि, कार्यहानि, पदच्युति और पदावनति जैसे फल दे सकता है। शस्त्राघात या ऑपरेशन की संभावना भी बन सकती है।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के सप्तम भाव में मंगल का गोचर होगा। कलत्र भाव में मंगल के गोचर से संतान और भाई से क्लेश, नेत्र और पेट में पीड़ा तथा दांपत्य सुख में कमी हो सकती है। अपने जीवनसाथी से अच्छा तालमेल बनाये रखने के लिए आपको सलाह दी जाती है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के षष्ठ भाव में मंगल का गोचर होगा। रिपु स्थान में मंगल के गोचर से अन्न, धन, स्वर्ण, यश और आनंद की प्राप्ति होती है तथा प्रतियोगिता, परीक्षा एवं अदालती मामलों में सफलता मिलती है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के पंचम भाव में मंगल का गोचर होगा। पंचम स्थान में मंगल के गोचर से धन का नाश, रोग और शत्रु से पीड़ा तथा संतान से चिंता जैसे फल मिलते हैं। आपको नियमित दिनचर्या का पालन करने की सलाह दी जाती है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के चतुर्थ भाव में मंगल का गोचर होगा। सुख स्थान में मंगल के गोचर से शत्रुओं में वृद्धि, धन-धान्य की कमी, स्वजनों से झगड़ा, रुधिर विकार, ज्वर और पेट की पीड़ा हो सकती है। आपको पारिवारिक कलह से बचने की सलाह दी जाती है।