Jupiter Retrograde: गुरु ने बदली अपनी चाल, जानें देश, दुनिया और आपका क्या होगा हाल

रविवार, 20 जून 2021 को रात्रि 08 बजकर 35 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति ने अपनी चाल बदल ली है। कुंभ राशि में गोचरस्थ वक्री बृहस्पति वापस मकर राशि में 14 सितम्बर 2021 को प्रवेश करेंगे। 18 अक्टूबर 2021 को मार्गी होने के पश्चात 20 नवंबर 2021 को पुनः कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जब भी कोई ग्रह वक्री होता है, तो वह ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है और इसका विशेष प्रभाव देश, दुनिया और व्यक्ति पर पड़ता है। बृहस्पति की इस बदली हुई चाल से रुई, जौ, चना, गेंहू, घी, दूध में मंदी और चांदी में तेजी हो सकती है। आइये आगे जानते हैं कि वक्री गुरु का सभी 12 राशियों पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ सकता है।

मेष राशि
मेष राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में बदलाव, धनहानि, संतान पीड़ा, और स्वजनों से मनमुटाव जैसे फल मिल सकते हैं।

वृष राशि
वृष राशि के जातकों को कार्य में रुकावट, असफलता, अपकीर्ति जैसे फल प्राप्त हो सकते हैं।

मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को रोग, कष्ट, धन की हानि, पदहानि जैसे फल मिल सकते हैं। पर इन्हें पैतृक संपत्ति का फायदा भी हो सकता है।

कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को स्त्री एवं संतान सुख, यश और मान प्राप्त हो सकता है।

सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को रोग और शत्रु से कष्ट तथा चोर और आग से नुकसान पहुँच सकता है।

कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को धन और पुत्र का लाभ, कार्य में सफलता, पदोन्नति तथा कुटुंब में उत्सवादि सुख मिल सकते हैं।

तुला राशि
तुला राशि के जातकों को यद्यपि धनलाभ होगा परन्तु घर से दूर रहना पड़ सकता है, पारिवारिक मनमुटाव हो सकता है और वाहनादि का भय रहेगा।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को रोग, झगड़े, कार्य में विघ्न, अपनों से वियोग और नौकरी में परेशानी जैसे फल प्राप्त हो सकते हैं।

धनु राशि
धनु राशि के जातकों को धनलाभ, पारिवारिक सुख, मान-सम्मान की प्राप्ति तथा शत्रु पर विजय जैसे फल मिल सकते हैं।

मकर राशि
मकर राशि के जातकों को खर्च में वृद्धि, धनहानि, मान हानि, भय, मानसिक कष्ट और झगड़े जैसे फल प्राप्त हो सकते हैं।

कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को आर्थिक तंगी, मानसिक अशांति, भय, चिंता और मुकदमे से परेशानी जैसे फल मिल सकते हैं। हालांकि विदेश जाने के इच्छुक जातकों को सफलता प्राप्त हो सकती है।

मीन राशि
मीन राशि के जातकों को धनलाभ, पुत्र लाभ, पद और मान में वृद्धि तथा शत्रु पर विजय जैसे फल मिल सकते हैं।

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