देवगुरु बृहस्पति जो ज्ञान और जीव सुख के कारक माने जाते हैं 06 अप्रैल 2021 की सुबह 00:24 पर अपनी नीच राशि मकर से निकल कर कुंभ राशि में प्रवेश (Guru Rashi Parivartan 2021) करेंगे। कुंभ में गोचर से गुरु की शनि से युति खत्म हो जाएगी तथा राहु से भी दृष्ट नही रहेंगे। गुरु का गोचर बड़ी खगोलीय घटना मानी जाती है क्योंकि इसका व्यक्ति और समष्टि दोनों पर ही व्यापक असर पड़ता है। आइये जानें गुरु के कुंभ राशि में गोचर का आप सभी की राशियों पर क्या होगा असर।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के एकादश भाव में गुरु का गोचर होगा। लाभ भाव में गुरु का गोचर लाभप्रद माना जाता है। धन लाभ, नौकरी में इन्क्रीमेंट, पुत्र लाभ, यश और मान में वृद्धि तथा शत्रुओं पर विजय जैसे शुभ फल मिल सकते हैं।
वृष राशि
वृष राशि के जातकों के दशम भाव में गुरु का गोचर होगा। कर्म स्थान में गुरु का गोचर अच्छा नहीं माना जाता। कार्य क्षेत्र में बदलाव, धन हानि, संतान पीड़ा, दीनता, अपनों से मनमुटाव जैसे फल प्राप्त हो सकते हैं। सफलता के लिए आपको कार्य में ज्यादा मेहनत करनी होगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के नवम भाव में गुरु का गोचर होगा। भाग्य स्थान में गुरु का गोचर बहुत अच्छे फल देता है। सुख, सौभाग्य और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। पुत्र सुख, स्त्री सुख और धन का लाभ भी मिलता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के अष्टम भाव में गुरु का गोचर होगा जिसके बहुत शुभ परिणाम नहीं होते। बंधन, शोक, कष्ट, धन हानि, रोग भय, पद की हानि जैसे पीड़ादायक फल मिल सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि अपने क्रोध और वाणी में संयम रखें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के सप्तम भाव में गुरु का गोचर होगा। सप्तम भाव में गुरु का गोचर शुभ फल देता है। स्त्री और संतान का सुख, कार्य में सफलता, प्रशंशा, राज-सम्मान और अन्य सुख प्राप्त होते हैं। विवाह के इच्छुक जातकों की इच्छा पूर्ण हो सकती है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के षष्ठ भाव में गुरु का गोचर होगा। गुरु की यह स्थिति रोग, शोक, शत्रु पीड़ा और कुटुम्बियों से झगड़ा दे सकती है। चोर और आग का खतरा हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है की अपने मन को विचलित ना होने दें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के पंचम भाव में गुरु का गोचर होगा। पंचम स्थान में गुरु के गोचर से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। पुत्र लाभ, धन लाभ, पदोन्नति, कार्य में सफलता, कुटुंब में आनन्दादि सुख मिलते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के चतुर्थ भाव में गुरु का गोचर होगा। इस भाव में गुरु के गोचर के मिले जुले फल प्राप्त होते हैं। मानसिक अशांति, धन की हानि, शत्रुओं में वृद्धि, परदेश गमन और वाहनादि का भय रहेगा। आपको भाइयों से मनमुटाव से बचना होगा।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के तृतीय भाव में गुरु का गोचर होगा। इस गोचर से पीड़ा, रोग और क्लेश हो सकते हैं। कार्यों में विघ्न आ सकते हैं, अपनों से बिछोह हो सकता है और नौकरी में समस्या हो सकती है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के द्वितीय भाव में गुरु का गोचर होगा। धन भाव में गुरु का गोचर अच्छा माना जाता है। धन और सुख की प्राप्ति, कुटुंब का सुख, उन्नति, मान-सम्मान की प्राप्ति तथा शत्रु पर विजय जैसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के प्रथम भाव में गुरु का गोचर होगा। गुरु का राशि स्थान में गोचर अच्छा नहीं माना जाता। खर्च में वृद्धि, धन की हानि, मानहानि, भय, मानसिक पीड़ा और झगड़े जैसे फल मिल सकते हैं। विवाह के योग्य जातकों के विवाह की संभावना बन सकती है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के द्वादश भाव में गुरु का गोचर होगा। व्यय स्थान में गुरु का गोचर पीड़ादायक माना जाता है। आर्थिक तंगी, मानसिक उद्वेग, भय, चिंता और मुकदमे से परेशानी हो सकती है। विदेश जाने के इच्छुक जातकों को सफलता प्राप्त हो सकती है।