गुरु 20 नवंबर को फिर कर रहे अपनी नीच राशि में प्रवेश, जानें आप पर क्या पड़ेगा इसका प्रभाव

देवगुरु बृहस्पति जो ज्ञान और जीव सुख के कारक हैं 20 नवंबर 2020 की दोपहर 13:23 पर अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश करेंगे जहाँ ये 06 अप्रैल 2021 की सुबह 00:24 तक रहेंगे। यहाँ स्थित गुरु शनि से युत तथा राहु से दृष्ट रहेंगे। आइये जानें नीचस्थ गुरु के गोचर का आपकी राशि पर क्या होगा असर।

मेष राशि
मेष राशि के जातकों के दशम भाव में गुरु गोचर करेंगे। कर्म स्थान में गुरु का गोचर अच्छा फल नहीं देता। धन की हानि, संतान पीड़ा, दीनता, अपनों से मनमुटाव जैसे फल प्राप्त होते हैं।

वृष राशि
वृष राशि के जातकों के नवम भाव में गुरु गोचर करेंगे। भाग्य स्थान में गुरु का गोचर बहुत अच्छे फल देता है। सुख, सौभाग्य और कार्य में सफलता मिलती है। पुत्र सुख और धन का लाभ भी होता है।

मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के अष्टम भाव में गुरु गोचर करेंगे जिसके बहुत शुभ परिणाम नहीं होते। कष्ट, धन हानि, रोगादि भय, पद हानि जैसे पीड़ादायक फल मिलते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि अपने क्रोध और वाणी में संयम रखें।

कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के सप्तम भाव में गुरु गोचर करेंगे। सप्तम भाव में गुरु का गोचर शुभ फल देता है। स्त्री और संतान का सुख मिलता है तथा प्रशंशा पत्र या राजकीय मान सम्मान प्राप्त होता है।

सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के षष्ठ भाव में गुरु गोचर करेंगे। गुरु की यह स्थिति रोग और शत्रु पीड़ा दे सकती है। चोर और आग का खतरा हो सकता है। अपने मन को किसी भी प्रकार की उदासी या शोक से विचलित ना होने दें।

कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के पंचम भाव में गुरु गोचर करेंगे। पंचम भाव में गुरु के गोचर से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। पुत्र लाभ, धन लाभ, पदोन्नति, कार्य में सफलता कुटुंब में आनन्दादि सुख मिलते हैं।

तुला राशि
तुला राशि के जातकों के चतुर्थ भाव में गुरु गोचर करेंगे। इस भाव में गुरु के गोचर के मिले जुले फल प्राप्त होते हैं। घर से दूर जाना पड़ सकता है, वाहनादि का भय रहेगा यद्यपि धनलाभ होगा। भाइयों में मनमुटाव और शत्रुओं से आपको सतर्क रहना होगा।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के तृतीय भाव में गुरु गोचर करेंगे। इस गोचर से रोग और क्लेश हो सकते हैं। कार्यों में विघ्न पड़ सकते हैं, अपनों से वियोग हो सकता है और नौकरी में समस्या आ सकती है।

धनु राशि
धनु राशि के जातकों के द्वितीय भाव में गुरु गोचर करेंगे। धन भाव में गुरु का गोचर अच्छा माना जाता है। धन प्राप्ति, कुटुंब सुख, मान-सम्मान की प्राप्ति तथा शत्रुओं पर विजय जैसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

मकर राशि
मकर राशि के जातकों के प्रथम भाव में गुरु गोचर करेंगे। गुरु का लग्न में गोचर प्रायः अच्छा नहीं माना जाता। खर्च में वृद्धि, धन हानि, मान हानि, भय, मानसिक कष्ट और झगड़े जैसे फल प्राप्त होते हैं।

कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के द्वादश भाव में गुरु गोचर करेंगे। व्यय भाव में गुरु का गोचर पीड़ादायक माना जाता है। इस दौरान पैसे की तंगी, मानसिक अशांति, भय, चिंता और मुकदमे से परेशानी हो सकती है। विदेश जाने के इच्छुक लोगों को सफलता मिल सकती है।

मीन राशि
मीन राशि के जातकों के एकादश भाव में गुरु गोचर करेंगे। लाभ भाव में गुरु का गोचर लाभप्रद होता है। धन लाभ, पुत्र लाभ, मान सम्मान में वृध्दि और शत्रुओं पर विजय जैसे शुभ फल मिलते हैं।

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