Gupt Navratri 2021: जानें कब शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, इसका माहात्म्य, शुभ तिथियाँ और नियम

Published by Ved Shri Last Updated: July 11, 2021

माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए वर्ष के सबसे पवित्र और सिद्ध दिन नवरात्रि के माने गए हैं। सामान्यतः लोग वर्ष की दो नवरात्रियों (वासंतिक और शारदीय) के बारे में ही जानते हैं, लेकिन इन दोनों के अलावा भी दो अन्य नवरात्रियां होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। ये नवरात्रियां माघ और आषाढ़ माह में आती हैं। गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से भी अधिक माना गया है। आइये आगे जानते हैं माघ आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि कब से शुरू हो रही है, क्या है इसका माहात्म्य, शुभ तिथियां और नियम।

गुप्त नवरात्रि माहात्म्य
गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से भी अधिक माना गया है क्योंकि इनमें देवी अपने पूर्ण स्वरूप में विद्यमान रहती हैं। इन नौ दिनों में देवी अपने भक्तों का कल्याण करने के लिए आतुर रहती हैं। इस नवरात्रि में शास्त्रोक्त एवं तंत्रोक्त दोनों तरह की पूजा का विधान है परन्तु गुप्त नवरात्रि को तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए बहुत ही खास माना गया है। जो साधक तंत्र-मंत्र की सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं वे इन दिनों में गुप्त स्थान पर रहते हुए देवी के विभिन्न स्वरूपों के साथ-साथ दस महाविद्याओं (काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला) की साधना में लीन रहते हैं।

गुप्त नवरात्रि नियम
जो लोग जीवन में धन, धान्य, मान-सम्मान, स्वास्थ्य, सुख, संपत्ति, वैभव और समस्त ऐश्वर्य पाना चाहते हैं, उन्हें नवरात्रि के इन सिद्धिदायक दिनों में साधना जरूर करनी चाहिए। इस दौरान हो सके तो दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और यदि इतना समय ना मिल पाए तो सप्तश्लोकी दुर्गा और माँ दुर्गा के 32 नामों का प्रतिदिन पाठ करें। कन्याओं को भोजन कराना, उन्हें वस्त्र भेंट करना और दान देने का विशेष फल मिलता है। माँ की प्रसन्नता और साधना की पूर्ण सफलता के लिए साधक को पूर्ण संयम और शुद्धता का पालन करना चाहिए। इन नौ दिनों में लोभ, मोह, काम, क्रोध का त्याग करते हुए केवल देवी के स्वरुप का ध्यान करना चाहिए।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथियां
वर्ष 2021 की द्वितीय गुप्त नवरात्रि आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, रविवार 11 जुलाई से प्रारंभ हो रही है जो आषाढ़ शुक्ल नवमी (भड्डली नवमी), रविवार 18 जुलाई को समाप्त होगी। इस बार सप्तमी तिथि का क्षय होने की वजह से यह नवरात्रि 8 दिनों की ही है जिसका पारण सोमवार, 19 जुलाई 2021 को होगा। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की तिथियां और उसके अनुसार देवी के स्वरूप का विवरण नीचे जानें:
रविवार 11 जुलाई – घट स्थापना एवं माँ शैलपुत्री पूजन
सोमवार 12 जुलाई – माँ ब्रह्मचारिणी पूजन
मंगलवार 13 जुलाई – माँ चंद्रघंटा पूजन
बुधवार 14 जुलाई – माँ कुष्मांडा पूजन
गुरुवार 15 जुलाई – माँ स्कंदमाता पूजन
शुक्रवार 16 जुलाई – माँ कात्यायनी पूजन एवं माँ कालरात्रि पूजन
शनिवार 17 जुलाई – माँ महागौरी पूजन, दुर्गा अष्टमी
रविवार 18 जुलाई – माँ सिद्धिदात्री पूजन, हवन एवं नवरात्रि पारण

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