सोना व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी है। अच्छी तथा पूर्ण नींद मानसिक एवं शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए बहुत आवश्यक है। पर क्या आपको पता है की सोने के सही तरीके से आप समृद्धिशाली बन सकते हैं? सच्चाई तो यह है कि यदि आप शास्त्रीय नियमों के अनुसार कोई भी कृत्य करते हैं तो वह आपके सुख और संपत्ति को बढ़ावा ही देते हैं। तो आइये आज बात करते हैं सोने के तरीके के बारे में।
शास्त्रों के अनुसार दिन में सोना मना है अतः दिन में नहीं सोना चाहिए। दिन में सोने से मेधा और बल क्षीण होता है। चाहे पुरुष हो या औरत देर रात तक नहीं जागना चाहिए। रात को देर तक जागने से क्रूर ग्रह बुरा असर देते हैं। ज्यादा देर तक सोना भी उचित नहीं है। माना जाता है की सुबह देर तक सोने से लक्ष्मी रूठती हैं। यही नहीं, जो लोग समय-कुसमय का ख्याल रखे बिना सोते रहते हैं उनके इष्ट देवी देवता भी नाराज़ हो जाते हैं। ज्यादा सोना धन की हानि और बीमारियों को न्योता देना है। सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घंटे) के बाद ही सोना चाहिए। जब आप रात में सोने के लिए जाएँ तो नकारात्मक बातों का ख्याल मन में बिलकुल नहीं लाएं। क्योंकि इससे दुःस्वप्न होते हैं। ललाट पर तिलक लगाकर सोना अशुभ माना गया है इसलिये सोते वक्त तिलक मिटा देना चाहिए। सोने से पूर्व दिन भर के कार्यों का आत्मनिरीक्षण करें और देखें कि आपके द्वारा किये गए कार्यों में कोई त्रुटि तो नहीं रही और आगे ऐसा न हो इसका संकल्प लेते हुए भगवन्नाम स्मरण करते हुए सो जाएँ।
सोते समय बायीं करवट रहें तो अच्छा है क्योंकि बाएं करवट होकर सोना स्वास्थ्य के लिये हितकर माना गया है। हाँ सोते समय इस बात का ख्याल जरूर रखें कि सिर पूर्व या दक्षिण दिशा में ही हो। अर्थात आपके पॉंव इन दिशाओं में बिलकुल ना हों। खासकर दक्षिण दिशा की तरफ तो पांव भूलकर भी नहीं हो क्योंकि इस दिशा में यम का निवास माना गया है और ऐसे सोने से कान में हवा भरती है, मस्तिष्क में रक्त संचार कम होता है, स्मृति- भ्रंश और कई अन्य बीमारियाँ होती हैं।
वैसे तो ब्रह्म मुहूर्त में जागना सबसे उत्तम माना गया है परन्तु यह न हो सके तब भी प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व जरूर उठ जाना चाहिए। इससे आत्मबल बढ़ता है एवं बीमारियां दूर होती हैं। सुबह उठने वाला व्यक्ति देवताओं और माँ लक्ष्मी का प्रिय होता है। वह सफलता एवं कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचता है।