Somvati Amavasya 2020: सोमवार 14 दिसंबर को है सोमवती अमावस्या, जानें इसका माहात्म्य और पूजा विधि

Published by Ved Shri Published: December 13, 2020

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2020) को हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। वर्ष 2020 की अंतिम सोमवती अमावस्या 14 दिसंबर 2020 को पड़ रही है।  इस बार इस दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। इस दिन स्नान, दान और पूजा पाठ का अत्यधिक महत्व माना गया है। आइये जानते हैं क्या है सोमवती अमावस्या का माहात्म्य और पूजा विधि।

सोमवती अमावस्या का माहात्म्य
सोमवती अमावस्या के माहात्म्य के बारे में बताते हुए महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर से कहा था कि जो कोई भी व्यक्ति इस दिन पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करेगा उसे हर तरह के सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी तथा सभी रोगों और दुखों से मुक्ति मिलेगी। पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी यह दिन विशेष रूप से महत्व रखता है। माना जाता है की पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात दान और पुण्य करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। सुख, सौभाग्य और पति की दीर्घ आयु के लिए महिलाएं भी इस दिन पीपल की पूजा और व्रत करती हैं।

सोमवती अमावस्या की पूजा विधि
इस दिन विवाहित स्त्रियों को प्रातः स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र पहन श्रृंगार कर पीपल के पेड़ का पंचोपचार विधि (धूप, दीप, गंध, पुष्प और नैवेद्य) से पूजन करना चाहिए। पूजा के उपरांत हाँथ में अक्षत और पुष्प लेकर पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करते हुए पति की दीर्घायु के लिए भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।

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