मार्गशीर्ष अमावस्या दिनांक 14 दिसंबर 2020 सोमवार को खग्रास सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2020) घटित होगा। इसके बारे में आजकल टीवी चैनल, समाचार पत्र, सोशल मीडिया तथा भय का व्यापार करने वाले छद्म ज्योतिषी तरह तरह की बातें कर रहे हैं। कोई इसका राशि अनुसार प्रभाव बता रहा तो कोई भयावह विश्लेषण कर रहा तो वहीं कोई लोगों को गुमराह कर अपना व्यापार कर रहा है। अब इन लोगों की दुकान ही इस भय और भ्रम की वजह से चलती है तो आइए इस मिथ्या को दूर करें और जानें कि सत्य क्या है।
सबसे पहली बात तो यह कि ग्रहण व्यक्ति के बजाय समष्टि पर ज्यादा प्रभाव डालते हैं। दूसरी बात की ग्रहण दृश्य पर्व है, उपछाया ग्रहण या अदृश्य ग्रहणों में स्नान, सूतक, राशि पर प्रभाव इत्यादि का विचार नही किया जाता क्योंकि शास्त्रों में इस तरह के ग्रहण को मान्यता नहीं दी गई है और इसलिए सभी धार्मिक तथा अन्य कृत्य निःसंकोच होकर करना चाहिए।
14 दिसंबर 2020 का सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2020) भारत में कहीं भी दृश्य नहीं होगा। यह ग्रहण प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका एवं अन्ध महासागर में दृश्य होगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण रात्रि 7:03 से प्रारंभ होकर अर्धरात्रि 12:23 तक रहेगा। भारत में दृष्य नहीं होने की वजह से इसका कोई सूतक नही लगेगा।
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