यूँ तो पूजा भाव का प्रतीक है पर विधि विधान से की गई पूजा का असर ज्यादा होता है। अक्सर देखा गया है कि लोग जानकारी ना होने से पूजा के दौरान कई छोटी छोटी गलतियां करते हैं जिससे उन्हें पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता और फिर सोचते हैं की क्या बात है उनके मनोरथ पूर्ण नहीं हो रहे हैं। आज आपको बताते हैं की दिवाली पूजन में किन बातों का विशेष ध्यान रखना होता है जिससे माँ लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके यहाँ स्थायी निवास करें।
शास्त्रों के अनुसार पूर्वाभिमुख (पूर्व दिशा की ओर मुख करके) बैठकर पूजा करना उत्तम माना गया है पर दिवाली के दिन उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पूजा करना लाभप्रद होता है और पूजा का पूरा फल मिलता है। उत्तर दिशा कुबेर की दिशा भी मानी जाती है और उत्तर मुखी होकर पूजन करने से कुबेर प्रसन्न होकर आपके घर में स्थाई वास करते हैं।
घर में पूजा के दौरान ध्यान रखें की हमेशा बैठी हुई लक्ष्मी जी की ही पूजा करें और चांदी के सिक्के या अन्य वस्तु जरूर रखें क्योंकि यह स्थिर लक्ष्मी का प्रतीक है। वहीं व्यापारिक प्रतिष्ठान में पूजन के दौरान खड़ी लक्ष्मी, जो चल लक्ष्मी होती हैं का पूजन करना और चांदी की जगह चलित मुद्रा जैसे रुपये सिक्के रखना चाहिए जिससे व्यापारिक स्थल पर धन का आवागमन सदैव बना रहे।
आपने अक्सर अपने घरों या दुकानों में दिवाली के समय स्वस्तिक बनाया होगा और शुभ लाभ लिखा होगा परन्तु इसमें भी इस बात की जरूर सावधानी रखें की स्वस्तिक बनाते हुए बीच में रेखाएं क्रॉस ना करें बल्कि इन्हें जोड़कर बनायें दूसरे घर में “शुभ-लाभ” लिखें जबकि व्यापारिक स्थल पर “लाभ-शुभ” लिखें क्योंकि घर में शुभता चाहिए तो व्यापार में लाभ और जब व्यापार में लाभ होगा तभी घर में भी शुभता होगी।
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