जानिए धार्मिक रुद्राक्ष के वैज्ञानिक फायदे

Published by vedAdmin Last Updated: November 15, 2020

Rudraksh

प्राचीन काल से ही हमारी संस्कृत में रूद्राक्ष का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है. माना जाता है कि रुद्राक्ष का वृक्ष भगवान शिव के आँसू से बना था और इसमें महान चिकत्सीय और वैज्ञानिक गुण हैं. यह हमारे वातावरण, शरीर और आत्मा के बीच एक संतुलन पैदा करता है और हर तरह के अमंगल से बचाता है. यही नहीं इसका लाभ वैज्ञानिक दृष्टि से भी कई बार और कई तरह से प्रमाणित हो चुका है. आज आप वैज्ञानिक रूप से सत्य सिद्ध हुए रुद्राक्ष के फायदों के बारे में जानेंगे.

रुद्राक्ष एक कवच की तरह है जो धारण करने वाले को हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा और शक्तियों से बचाता है. यह सेहत की दृष्टि से भी बहुत ही लाभदायक है जो रक्तचाप और तनाव से मुक्त कर शांति प्रदान करता है. रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक पाए जाते हैं जिनका अलग-अलग प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाता है. पंचमुखी रुद्राक्ष का उपयोग सबसे सुरक्षित माना जाता है जो सभी तरह के जातकों के लिए शुभ होता है.

रुद्राक्ष का वैज्ञानिक दृष्टि से स्वास्थ्य पर लाभ

रुद्राक्ष हृदय के चारों ओर एक सही शक्ति का उपयोग कर इसके प्रदर्शन को सुधारता है जिससे हृदयाघात और उच्च रक्तचाप से बचाव होता है. यह अपनी गतिशील ध्रुवीकरण की प्रकृति के चलते चुंबकीय प्रभाव के कारण अवरुद्ध धमनियों को खोलकर रक्त प्रवाह को आसान बनाता है.

ऊर्जा के गुणों को पहचानने का अचूक यंत्र है रुद्राक्ष

रुद्राक्ष हमारे आसपास की सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को पहचानने का एक अचूक यंत्र है. मान लीजिये आप किसी भोज्य या पेय पदार्थ के सात्विक होने के बारे में जानना चाहते हैं तो रुद्राक्ष की माला को उसके ऊपर लेकर जाएँ, यदि माला घड़ी की दिशा में घूमने लगे तो वह भोज्य या पेय पदार्थ सात्विक है वहीं अगर माला घड़ी की उलटी दिशा में घूमने लगे तो वह भोज्य या पेय पदार्थ हानिकारक है. इसी विधि का उपयोग कर प्राचीन काल में हमारे ऋषि-मुनि जंगलों में भोजन और पानी को परखते थे.

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