चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है। इनके जन्मदिन के सम्बन्ध में दो मत हैं, एक के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को इनका जन्म हुआ तो दूसरे के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को। कुछ जगह मत यह है की पहली तिथि में इनका माता के गर्भ से जन्म हुआ तो दूसरी में माँ सीता की खोज कर वापस लौटने के उपलक्ष्य में विजयाभिनन्दन हुआ। अतः इन दोनों ही तिथियों में इनका जन्मोत्सव मनाने की परंपरा पड़ी जो सर्वथा उचित जान पड़ती है। इस वर्ष परम पुनीत तिथि (Hanuman Jayanti 2021) मंगलवार, 27 अप्रैल 2021 को है। आइये आगे जानें पूजा विधि और बजरंगबली की कृपा प्राप्ति का उपाय।
हनुमत पूजा विधि
इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर हाँथ में जल लेकर “ममाखिलानिष्टनिरसनपूर्वक सकलाभीष्टसिद्धये तेजोबलबुद्धिविद्या धनधान्यसमृद्ध्यायुरारोग्यादिवृद्धये च हनुमद्पूजनं करिष्ये” मंत्र से पूजा का संकल्प लें। तत्पश्चात हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने पूर्व या उत्तरमुख बैठकर “अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।” मंत्र से ध्यान कर उनका षोडशोपचार पूजन करें। पूजा में लाल कौपीन, पीताम्बर, केसर मिश्रित चन्दन, मूँज यज्ञोपवीत, बेसन लड्डू, पुआ और केले का अर्पण करें एवं हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और अंत में “मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शिरसा नमामि।।” मंत्र से प्रार्थना कर प्रसाद वितरित करें।
बजरंगबली की कृपा प्राप्ति का उपाय
हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए वाल्मिकीय रामायण के निम्न श्लोकों का पाठ करना चाहिए :
जयत्यतिबलो रामो लक्ष्मणश्च महाबलः।
राजा जयति सुग्रीवो राघवेणाभिपालितः।।
दासोऽहं कोसलेन्द्रस्य रामस्याक्लिष्टकर्मणः।
हनुमान्शत्रुसैन्यानां निहन्ता मारुतात्मजः।।
न रावणसहस्रं मे युद्धे प्रतिबलं भवेत्।
शिलाभिस्तु प्रहरतः पादपैश्च सहस्रशः।।
अर्दयित्वा पुरीं लङ्कामभिवाद्य च मैथिलीम्।
समृद्धार्थो गमिष्यामि मिषतां सर्वरक्षसाम्।।