जब स्थिति खराब हो और कुछ भी अच्छा न चल रहा हो तो उसके पीछे किसी न किसी ग्रह के खराब होने की संभावना होती है। लोग इन ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कई उपाय आजमाते हैं। कई बार तो ये उपाय बहुत ही दुष्कर होते हैं साथ ही समय और रुपयों का खर्च भी कराते हैं। पर क्या आप जानते हैं कुछ छोटे-छोटे उपायों से भी बिगड़े ग्रहों को संवारा जा सकता है? आइये आज जानते हैं खराब ग्रह दशा को ठीक करने के लिए बहुत ही सरल और आसान उपाय जिनके प्रयोग से आप अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।
सूर्य
यदि रक्त विकार, मान-सम्मान में कमी और पिता से खराब रिश्ते हों तो उसका मतलब है जातक का सूर्य ठीक नहीं है।
उपाय – पिता की मन लगाकर सेवा करें और बुजुर्गों को इज्जत दें।
चंद्र
यदि जातक हमेशा चिंतित रहता हो और उसकी माता का स्वास्थ्य अच्छा ना रहता हो तो इसका मतलब है चंद्र ठीक नही है।
उपाय – अपने जूठे बर्तन उचित स्थान पर या धोकर रखें और रात को जल्दी सोएं।
मंगल
यदि जातक में साहस की कमी हो, भाई से नही बनती हो तो इसका मतलब है मंगल ठीक नही है।
उपाय – लाल गाय की सेवा करें और घर आए मेहमानों को गुड़ खिलाएं।
बुध
यदि याददाश्त कमजोर हो, पढ़ाई और व्यापार में बाधा हो तो इसका मतलब है जातक का बुध ठीक नही है।
उपाय – घर आई बहन-बेटियों को खुश रखें और गायों की सेवा करें।
गुरु
यदि स्वास्थ्य समस्याएं हों, ज्ञान और धन की कमी हो तो इसका मतलब है गुरु ठीक नही है।
उपाय – किसी मंदिर की सफाई करें और गुरुजनों की सेवा करें।
शुक्र
यदि ऐश्वर्य में कमी और जीवन में नीरसता हो तो इसका मतलब है जातक का शुक्र ठीक नहीं है।
उपाय – सुबह जल्दी उठें, पत्नी तथा स्त्रियों को हमेशा आदर-सम्मान दें।
शनि
यदि जातक एक्सीडेंट, चोट और संपत्ति हानि से परेशान रहता है तो इसका मतलब है शनि ठीक नही है।
उपाय – नौकरों, मजदूरों, भिखारियों को खुश रखें और उन्हें नमकीन खिलाएं।
राहु
यदि जातक के जीवन में भारी उथल-पुथल और बदलाव हो तो इसका मतलब है राहु ठीक नही है।
उपाय – आगंतुकों को स्वच्छ पानी पिलायें और निरीह प्राणियों की सेवा करें।
केतु
यदि जातक के अंदर घबराहट, चिड़चिड़ापन, और सुस्ती रहे तो इसका मतलब है केतु ठीक नहीं है।
उपाय – जरूरतमंदों की मदद करें, कंबल दान करें और कुत्ते को घी चुपड़ी रोटी खिलाएं।